अगर मालिक ऐसा नहीं करता है, तो चेन्नई नगर निगम शवों को हटा देगा और मालिक से उसकी लागत वसूल करेगा। कोर्ट का ये आदेश एक निर्माण कंपनी द्वारा डाली गई याचिका पर सुनवाई करते हुए आया है। 

5 नवंबर 2025 - 13:56

मद्रास हाईकोर्ट ने निजी जगहों पर बने कब्रिस्तान को लेकर बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि मृतकों को सिर्फ सरकार द्वारा अनुमोदित कब्रिस्तानों में ही दफनाया जा सकता है। अदालत ने यह आदेश चेन्नई में एक चर्च के पास स्थित एक निजी कब्रिस्तान के लिए दिया है। यह कब्रिस्तान एक रिहायशी इलाके के पास है। 
न्यायाधीश ने जमीन मालिक को 12 हफ़्तों के अंदर दफन किए गए शवों को हटाने के निर्देश दिए हैं। अगर मालिक ऐसा नहीं करता है, तो चेन्नई नगर निगम शवों को हटा देगा और मालिक से उसकी लागत वसूल करेगा। कोर्ट का ये आदेश एक निर्माण कंपनी द्वारा डाली गई याचिका पर सुनवाई करते हुए आया है। 
कोर्ट ने जमीन मालिक का उस जमीन पर दफनाने का लाइसेंस भी रद्द कर दिया है। न्यायाधीश ने कहा कि लाइसेंस गलत तरीके से और बहुत जल्दी दिया गया था, जिससे नियमों का उल्लंघन हुआ हालांकि, जमीन मालिक को नए लाइसेंस के लिए आवेदन करने की अनुमति है, जिसकी निगम को कानून के मुताबिक कड़ाई से जांच करनी होगी।
मदनन्थपुरम गांव में स्थित सीएसआई सेंट मैथ्यू चर्च के निजी कब्रिस्तान का मामला कोर्ट पहुंचा था. एक निर्माण कंपनी की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस एन. माला ने ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन (GCC) की ओर से जारी दफनाने के लाइसेंस को रद्द कर दिया। 
 

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